देहरादून। राज्य के विकास के लिए धामी सरकार उत्तराखंड प्रवासियों से सहयोग लेने पर जोर दे रही है। इसके लिए धामी सरकार 7 नवंबर को देहरादून में प्रवासी उत्तराखंड सम्मेलन करने जा रही है, जिसमें तमाम राज्यों में रह रहे उत्तराखंड प्रवासियों को आमंत्रित किया जाएगा। इसी क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को सचिवालय में प्रवासी उत्तराखंड प्रकोष्ठ की वेबसाइट लॉन्च कर दी है।
आईटीडीए की ओर से तैयार की गई वेबसाइट में प्रवासियों को राज्य सरकार की तमाम नीतियों, कार्यक्रमों और गतिविधियों की जानकारी दी जाएगी। प्रवासी उत्तराखंड प्रकोष्ठ की वेबसाइट लॉन्चिंग कार्यक्रम के दौरान सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि 7 नवंबर को प्रस्तावित प्रवासी उत्तराखंड सम्मेलन में देश के तमाम प्रदेशों में रह रहे प्रवासियों को आमंत्रित कर भव्य सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। क्योंकि अपनी मातृभूमि से सबका जुड़ाव होता है।
राज्य सरकार का प्रयास है कि उत्तराखंड के प्रवासियों का राज्य के विकास के लिए सहयोग लिया जाए और उनको अपनी मातृभूमि से जुड़ाव के लिए प्रवासियों को हर संभव सहयोग दिया जाए। साथी सीएम ने कहा कि उत्तराखंड के प्रवासियों ने देश-दुनिया में अपनी काम पर बल पर अपनी अलग पहचान बनाई है। ऐसे में देश-दुनिया में रहने वाले सभी उत्तराखंड वासियों से सरकार का सम्पर्क होना चाहिए, ताकि हम उनके हर सुख-दुःख में भागीदार बनें।
साथी अधिकारियों को निर्देश दिए कि विदेशों में रह रहे उत्तराखंड प्रवासियों को भी आमंत्रित कर राज्य में जल्द एक बड़ा सम्मेलन आयोजित किया जाए। इसके लिए विदेश में रह रहे सभी प्रवासियों का डेटाबेस अपडेट किया जाए। सीएम ने कहा कि विदेश दौरे के दौरान प्रवासी भाई-बहनों द्वारा जिस तरह से स्वागत किया जाता है, इससे उनका अपनी पैतृक भूमि से लगाव और अपनी संस्कृति से जुड़ाव की झलक दिखाई दे रही है।
सीएम ने कहा कि उत्तराखंडी प्रवासियों तक राज्य सरकार की पहुंच बनाने, प्रवासी उत्तराखंडियों को उनकी मातृ भूमि के साथ जोड़ने, राज्य के विकास में उनकी विशेषज्ञता, अनुभव एवं वित्तीय क्षमताओं का लाभ लिये जाने और प्रवासियों को सम्मानित करने के उद्देश्य से राज्य में प्रवासी उत्तराखंड प्रकोष्ठ की स्थापना की गई है। विदेशों में रह रहे प्रवासियों की सुविधा के लिए भारत सरकार के विदेश मंत्रालय और उनकी महत्वपूर्ण योजनाओं के लिंक भी वेबसाइट में दिये गये हैं। साथ ही कहा कि अभी तक 18 देशों में रह रहे प्रवासी उत्तराखंडियों से सम्पर्क स्थापित किया जा चुका है।