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भाजपा के 10 वरिष्ठ नेताओं को दायित्वों की सौगात, पहली सूची जारी..
भाजपा के 10 वरिष्ठ नेताओं को दायित्वों की सौगात, पहली सूची जारी..
उत्तराखंड: प्रदेश में नेताओं का लंबे समय से चला रहा है इंतजार खत्म हो गया है। बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले धामी सरकार ने दायित्वों का बंटवारा कर दिया है। 10 नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी दी है। जिसकी सूची जारी कर दी गई है। आपको बता दे कि पिछले लंबे समय से भाजपा में दायित्वों बांटे जाने की इंतजार हो रहा था। सीएम धामी के लंदन जाने से पहले ही दायित्व बांटे जाने की सुगबुगाहट थी। गढ़वाल और कुमाऊं के नेताओं में इस बात को लेकर असमंजस की स्थिति थी कि आखिरकार राज्य सरकार किसको दायित्व से नवाजेगी। इसी कड़ी में पहली लिस्ट 10 दायित्वधारियों की जारी की गई है।
बताया जा रहा है कि कुछ बड़े नेता और कुछ छोटे नेताओं को बड़े दायित्व दिए गए हैं। बुधवार देर रात शासन ने भाजपा के 10 वरिष्ठ नेताओं को दायित्व दिए जाने का आदेश जारी कर दिया। इनमें पांच विभिन्न परिषदों व संस्थाओं में अध्यक्ष और पांच उपाध्यक्ष बनाए गए हैं। माना जा रहा है अब जल्द ही दूसरी लिस्ट भी जारी कर दी जाएगी। साथ ही दर्जा भी तय किया जाएगा।
इन्हें मिली जिम्मेदारी..
1- ज्योति प्रसाद गैरोला : उपाध्यक्ष, बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति (राज्य स्तरीय )
2- रमेश गड़िया : उपाध्यक्ष, उत्तराखंड राज्य स्तरीय जलागम परिषद
3- मधु भट्ट : उपाध्यक्ष, उत्तराखंड संस्कृत साहित्य एवं कला परिषद
4- मुफ्ती शमून कासमी : अध्यक्ष, उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद्
5- बलराज पासी : अध्यक्ष, उत्तराखंड राज्य बीज एवं जैविक उत्पाद प्रमाणीकरण संस्था
6- सुरेश भट्ट : उपाध्यक्ष, राज्य स्तरीय राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य एवं अनुश्रवण परिषद
7- अनिल डब्बू : अध्यक्ष, कृषि उत्पादन एवं विपणन बोर्ड (मंडी)
8- कैलाश पंत : अध्यक्ष, उत्तराखंड राज्य सलाहकार श्रम संविदा बोर्ड
9- शिव सिंह बिष्ट : उपाध्यक्ष, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना राज्य स्तरीय अनुश्रवण परिषद्
10- नारायण राम टम्टा : अध्यक्ष, हरिराम टम्टा परंपरागत शिल्प उन्नयन संस्था
उत्तराखंड में 15 हजार गांवों में लगेंगे निशुल्क स्वास्थ्य शिविर- स्वास्थ्य मंत्री..
उत्तराखंड में 15 हजार गांवों में लगेंगे निशुल्क स्वास्थ्य शिविर- स्वास्थ्य मंत्री..
उत्तराखंड: प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने प्रदेश के 15 हजार गांवों में स्वास्थ्य चेकअप कैंप लगाने का ऐलान किया है। जिसके तहत हर छह माह में प्रत्येक व्यक्ति के स्वास्थ्य का नि:शुल्क चेकअप होगा। स्वास्थ्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत का कहना हैं कि यदि कोई व्यक्ति गंभीर बीमारी से ग्रसित होगा तो उसे जल्द उपचार दिया जायेगा। उन्होंने डेंगू सहित अन्य बीमारियों के फैलने के दृष्टिगत डॉक्टरों की टीम से विशेष अध्ययन करने की भी बात कही।
इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत का कहना हैं कि आयुष्मान भव कार्यक्रम में 80 प्रतिशत युवाओं का योगदान रहा है। पूरे प्रदेश में आयुष्मान भव कार्यक्रम के तहत 500 कैंप लगाये जा चुके है। रक्तदान के लिए अभी तक एक लाख 47 हजार लोगों ने पंजीकरण कर दिया है। जबकि 49 हजार लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान किया है।
आयुष्मान कार्ड और आभा कार्ड बनाने का किया आह्वान..
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अब तक प्रदेश में 61 लाख लोगों की आभा आईडी बन चुकी है। जबकि एक करोड़ आभा आईडी बनाने का लक्ष्य है। 53 लाख लोगों के आयुष्मान कार्ड बन चुके है, जबकि 90 लाख आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य है। उन्होंने सभी लोगों से आभा और आयुष्मान कार्ड बनाने का आह्वान किया।
गोवा और केरल की तर्ज पर उत्तराखंड पर्यटन पुलिस में फिलहाल 100 पुलिसकर्मियों को मिलेगी ट्रेनिंग..
गोवा और केरल की तर्ज पर उत्तराखंड पर्यटन पुलिस में फिलहाल 100 पुलिसकर्मियों को मिलेगी ट्रेनिंग..
उत्तराखंड: प्रदेश में जल्द ही गोवा और केरल की तर्ज पर पर्यटन पुलिस का गठन किया जाएगा। इसके साथ कुछ और प्रदेशों के पर्यटन पुलिस के ढांचे का अध्ययन भी उत्तराखंड पुलिस कर रही है। इसके बाद शासन को स्थायी पर्यटन पुलिस गठन का प्रस्ताव भेजा जाएगा। पर्यटन पुलिस को उन शहरों में स्थायी पोस्टिंग दी जाएगी, जहां वर्षभर पर्यटकों का आना-जाना रहता है। उत्तराखंड पर्यटन प्रदेश है। यहां पर बहुत से शहर ऐसे हैं जहां पर सालभर पर्यटन और तीर्थाटन के लिए लोग आते हैं। इनसे संवाद स्थापित करने और परेशानियों को दूर करने के लिए पर्यटन पुलिस की जरूरत पर बल दिया जा रहा है।
उत्तराखंड पुलिस कर रही अध्ययन..
पिछले साल पर्यटन मंत्रालय की ओर से दिशा-निर्देश जारी हुए थे। इसमें सभी राज्यों को अपने यहां सशक्त पर्यटन पुलिस का गठन करने को कहा गया था। इसके लिए उत्तराखंड पुलिस केरल और गोवा पुलिस के ढांचे का अध्ययन कर रही है। इसी की तर्ज पर उत्तराखंड में भी पर्यटन पुलिस का गठन किया जाना है। जल्द ही शासन को पर्यटन पुलिस के ढांचे के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा। शासन से मंत्रणा के बाद ही यह तय होगा कि ढांचा कितना बड़ा होगा। पर्यटन पुलिस के लिए अलग से सिलेबस भी तैयार किया जाएगा। पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों का ट्रेनिंग मोड्यूल भी इसी तरह से तय किया जाएगा कि उससे उत्तराखंड के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
फिलहाल 100 पुलिसकर्मियों को किया जाता है तैनात..
हर साल चारधाम यात्रा में अस्थायी पर्यटन पुलिस चौकियों को स्थापित किया जाता है। इस वर्ष चारधाम यात्रा की शुरुआत में 100 पुलिसकर्मियों को पुलिस लाइन में ट्रेनिंग दी गई थी। पुलिस के इन जवानों को विभिन्न राज्यों की भाषा भी पढ़ाई गई थी। ताकि, दूसरे राज्य के लोगों से संवाद आसानी से स्थापित किया जा सके।
राज्य के इतिहास, भूगोल की जानकारी रखेगी पुलिस..
पुलिस केवल पर्यटकों की कानून व्यवस्था के तहत ही मदद नहीं करेगी बल्कि उनकी गाइड की तरह मदद की जाएगी। इसके लिए पुलिसकर्मियों को राज्य के इतिहास, भूगोल की जानकारी भी दी जाएगी। उन्हें यहां के महत्वपूर्ण स्थलों, मंदिरों आदि के बारे में बारीकी से बताया जाएगा। पुलिस इस वक्त विभिन्न राज्यों की पर्यटन पुलिस ढांचे का अध्ययन कर रही है। ताकि, प्रदेश में एक सशक्त पर्यटन पुलिस बनाई जा सके। फिलहाल पुलिस की ओर से हर साल 100 पुलिसकर्मियों को पर्यटन पुलिस की ट्रेनिंग देकर चारधाम व अन्य महत्वपूर्ण यात्राओं और मेलों में तैनात किया जाता है
वाइब्रेंट विलेज से पलायन कर चुके लोगों को वापस लाएगी सरकार..
वाइब्रेंट विलेज से पलायन कर चुके लोगों को वापस लाएगी सरकार..
उत्तराखंड: मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में सचिवालय में वाईब्रेंट विलेज कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य स्तरीय स्क्रीनिंग समिति की बैठक हुई। मुख्य सचिव ने वाईब्रेंट विलेज योजना के माध्यम से सीमा क्षेत्र के गांवों को जीवन्त करने के लिए इन गांवों से पलायन कर चुके लोगों को वापस लाने के लिए जिलाधिकारियों को चिन्हित वाइब्रेंट विलेज को वाईब्रेंट बनाने के लिए ऐसी योजनाओं को संचालित करने के निर्देश दिए जो व्यवहारिक हो।
मुख्य सचिव ने कहा वाईब्रेंट विलेज का हर गांव विशिष्ट है। सभी में सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा और पेयजल योजनाओं की उचित व्यवस्था की जाए। क्षेत्र की क्षमताओं और सम्भावनाओं को तलाशते हुए योजनाएं तैयार की जाएं और इन्हें सतत बनाने के लिए प्रयास किए जाएं। मुख्य सचिव का कहना हैं कि वाईब्रेंट विलेज में नियुक्त स्वास्थ्यकर्मियों को रहने के लिए अच्छी आवासीय सुविधाएं उपलब्ध करायी जाए। इसके साथ ही कर्मचारियों को एक-दो महीने के लिए रोटेशन के आधार पर नियुक्त किया जाए। इसके साथ ही वाईब्रेंट विलेज के लिए यूपीसीएल को विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
लंदन में सीएम की उपस्थिति में पोमा ग्रुप के साथ 2 हजार करोड़ रुपए का एमओयू
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लंदन में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट हेतु आयोजित बैठक में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने लंदन के कई प्रमुख उद्योग घरानों से भेंट करते हुए उत्तराखण्ड में निवेश की सम्भावनाओं पर विस्तृत चर्चा की। मुख्यमंत्री धामी की उपस्थिति में लंदन में पोमा ग्रुप के साथ 2 हजार करोड़ रुपए का इन्वेस्टर एमओयू साइन किया गया, राज्य सरकार की ओर से सचिव उद्योग विनय शंकर पांडेय ने एमओयू साइन किया। मुख्यमंत्री धामी ने सभी निवेशकों को आगामी दिसंबर माह में आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट हेतु उत्तराखण्ड आने के लिए आमंत्रित भी किया।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश की भौगौलिक परस्थितियों को देखते हुए उत्तराखण्ड में इको फ्रैंडली टूरिज्म के क्षेत्र में निवेश की अपार सम्भावनाएं हैं। पोमा ग्रुप दुनियाभर में रोपवे निर्माण के क्षेत्र में अग्रणी है। पोमा ग्रुप का उत्तराखण्ड में काम करने का बहुत पुराना अनुभव है चमेाली जिले के औली रोपवे में पोमा ग्रुप तकनीकी सहयोग प्रदान कर चुका है इसके अलावा वर्तमान पोमा रोपवे देहरादून-मसूरी रोपवे, एवं यमुनोत्री रोपवे प्रोजेक्ट्स में भी तकनीकी सहयोग प्रदान कर रही है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि पोमा गुप द्वारा हरिद्वार समेत कई अन्य धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों में रोपवे के लिए तकनीकी सहयोग, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए निवेश की इच्छाा जाहिर की गई।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार का फोकस पर्यटन के साथ-साथ इकोलॉजी और इकॉनमी पर भी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार निवेश के लिए ऐसे रास्तों की तलाश कर रही है जिसमें विकास और पर्यावरण का संतुलन बना रहे। ऐसे में रोपवे जैसे विकल्प उत्तराखण्ड में जहां एक ओर पर्यटकों को सुगमता प्रदान करेंगे वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों की आजीविका के अवसर बढ़ने के साथ ही पर्यावरणीय दृष्टिकोंण से भी यह बेहतर सिद्ध होगा। मुख्यमंत्री धामी ने लंदन में निवेशकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि लंदन सर्विस सेक्टर का भी बड़ा केंद्र है इसलिए यहां टूरिज्म, आईटी, हेल्थकेयर के क्षेत्र के बड़े निवेशक कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड एक पर्वतीय राज्य होने के कारण यहां की यहां की कृषि जलवायु भी अन्य राज्यों से भिन्न है। आज के दौर में यूरोप से लेकर सभी देशों के ऑर्गेनेक उत्पादों की विशेष मांग हैं। उन्होंने कहा कि समिट के जरिए उत्तराखण्ड के उत्पादों को विदेशों में और प्रभावी रुप से पंहुचाया जा सकेगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि दुनियाभर से निवेशक उत्तराखण्ड का रुख करें, ताकि यहां की औद्योगिक गतिविधियों को और रफ्तार मिल सके।
ब्रिटेन इनोवेशन एव टैक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक ग्लोबल सेंटर के रूप में स्थापित है। स्किल्ड मैनपावर लंटन ब्रटेन की उपलब्धता इस क्षेत्र को गति प्रदान करती है। उत्तराखण्ड भी इनोवेशन एव टैक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत में अपनी एक पहचान बनाने में सफल रहा है। हेल्थ केयर एवं लाईफ साईन्सेस के क्षेत्र में ब्रिटेन अग्रणी हैं। ब्रिटेन द्वारा बायोटेक, फार्मास्यूटिकल्स एवं मेडिकल टैक्नोलॉजी में निवेश को वरीयता दी जाती है। उत्तराखण्ड भी भारत के फार्मा हब के रूप में प्रतिष्ठित है। राज्य में 3 फार्मा क्लस्टर हैं, जिनमें 300 से अधिक उद्योग कार्य कर रहे हैं। रियल स्टेट बाजार आवासीय विकास से लेकर वाणिज्यिक अवस्थापना तक विविध अवसर प्रदान करता है। लंदन एवं मैनचेस्टर जैसे शहर इसके बेहतर उदाहरण हैं। उत्तराखण्ड में भी इसकी अपार सम्भावनायें हैं। हम राज्य में दो नये शहर बसाने की संकल्पना पर कार्य कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि ब्रिटेन समेत अन्य देशों के ग्लोबल इन्वेस्टर्स उत्तराखण्ड में भी निवेश करें ताकि प्रदेश में औद्यौगिक विकास की गति बढ़ सके। प्रदेश में निवेश बढ़ने से अर्थव्यवस्था मजबूत होने के साथ ही रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।
इस अवसर पर सचिव मुख्यमंत्री डॉ. आर मीनाक्षी सुंदरम, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा समेत डेलीगेशन के अन्य सदस्य एवं इन्वेस्टर्स मौजूद रहे।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने किया सचिव डॉ आर राजेश कुमार को आयुष्मान उत्कृष्ठ अवार्ड-2023 से सम्मानित
नई दिल्ली/ देहरादून। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबीपीएम-जय) के पांच साल और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के दो साल पूरे होने पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ‘आरोग्य मंथन’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में इस दो दिवसीय कार्यक्रम का समापन हो गया। इस दौरान दोनों योजनाओं से संबंधित चुनौतियों, रुझानों और सर्वोत्तम प्रथाओं पर चर्चा और विचार-विमर्श किया गया। आरोग्य मंथन 2023 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने समापन सत्र को संबोधित किया। कार्यक्रम में राज्य मंत्री (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल, सचिव (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण), सुधांश पंत और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) भी उपस्थित रहे।
वहीं ‘आरोग्य मंथन’ कार्यक्रम में बेहत्तर कार्य करने वाले राज्यों को सम्मानित भी किया गया। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार को आयुष्मान उत्तराखंड अवार्ड 2023 के दो पुरस्कारों से नवाजा। यह राष्ट्रीय पुरस्कार राज्य को आयुष्मान क्लेम सेटलमेंट औऱ डेली क्विक ऑडिट सिस्टम के सफल किर्यान्वयन के क्षेत्र में बेहत्तर कार्य करने के लिए दिया गया है।
आपको बता दें उत्तराखंडवासियों के लिए आयुष्मान योजना वरदान साबित हो रही है। समाज का कमजोर व मध्यम वर्ग परिजन की बीमारी में अपने जेवर व मकान बेचने की स्थिति में आ जाता था। उपचार बेहद महंगे होने के कारण गरीब तबके के मरीज प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती होने की हिम्मत नहीं जुटा पाते थे। लेकिन अब वो समय है कि बीमार होते ही गरीब पूरे अधिकार के साथ सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में अपना उपचार करा सकते हैं, वो भी पूरी तरह मुफ्त में। ऐसा संभव किया जरूरतमंदो का सहारा बनी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली केन्द्र की भाजपा सरकार ने। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई आयुष्मान योजना ने समाज के कमजोर वर्ग को संबल प्रदान करने का कार्य किया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के दिशा निर्देशों में उत्तराखंड में आयुष्मान योजना की प्रगति अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे बेहत्तर है। इसी का नतीजा है कि केन्द्र सरकार ने क्लेम सेटलमेंट में उत्तराखंड को राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा है। नई दिल्ली में आज राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने यह पुरस्कार ग्रहण किया। उत्तराखंड समूचे भारतवर्ष में एकमात्र ऐसा राज्य है जो अपने प्रदेश के समस्त नागरिकों (लगभग 25 लाख परिवार) को ‘अटल आयुष्मान योजना’ के तहत स्वास्थ्य सुरक्षा की गारंटी दे रहा है। तमाम गंभीर रोगों से ग्रस्त लोगों को इस योजना के लाभ से नई जिंदगी मिली है। ऐसा कोई गांव, कस्बा या शहर नहीं जहां इस योजना का लाभान्वित व्यक्ति आपको न मिले।
आयुष्मान क्लेम में उत्तराखंड का बेहतर काम
उत्तराखंड को आयुष्मान योजना में क्लेम भुगतान में बेहतर काम करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया। नई दिल्ली में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया। आयुष्मान योजना में कार्ड धारकों को पांच लाख तक के मुफ्त इलाज के लिए प्रदेश में 248 अस्पताल सूचीबद्ध हैं। इसमें 102 सरकारी और 146 निजी अस्पताल शामिल हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) की ओर से क्लेम भुगतान करने के लिए 15 दिन के मानक निर्धारित किए हैं। लेकिन उत्तराखंड में सात दिन के भीतर अस्पतालों को क्लेम का भुगतान किया जा रहा है। अस्पताल कार्ड धारक मरीज के इलाज पर आने वाले खर्च का क्लेम राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को भेजते हैं। प्राधिकरण की ओर से क्लेम का ऑडिट किया जाता है। जिसके बाद अस्पतालों को भुगतान किया जाता है। बता दें कि 2022 में उत्तराखंड को आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया था।
उत्तराखंड मॉडल अपनायें अन्य राज्य
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने इलाज के बिलों में फर्जीवाड़ा करने वाले निजी अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। साथ ही गलत तरीके से प्राप्त क्लेम राशि की वसूली कर योजना से बाहर किया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी फर्जीवाड़े रोकने पर राज्य की सराहना की थी। साथ ही सभी राज्यों को उत्तराखंड के मॉडल को अपनाने को कहा था।
52 लाख से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड
प्रदेश में 52 लाख से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। इसमें अब तक 8.28 लाख कार्ड धारक मरीजों को निशुल्क इलाज पर सरकार ने 1554 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेई की स्मृति में शुरू की गई इस योजना को आज दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ स्कीम माना जाता है। पूरे देश में 25 दिसंबर 2018 को इस योजना की जब शुरूआत हुई तो उत्तराखंड के गरीब तबके के करीब 5.25 लाख लोगों को इसमें शामिल किया गया। उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस योजना की अहमियत को समझते हुए हर उत्तराखंडी को इसका लाभ देने का फैसला लिया। योजना का नतीजा यह हुआ कि उत्तराखंड के सरकारी या प्राइवेट अस्पतालों में कहीं भी लोग पांच लाख रुपये तक अपना और परिजनों का मुफ्त में इलाज करा सकते हैं। आज इस योजना में लोग कैंसर, हार्ट, गुर्दा रोग जैसी जटिल बीमारियों का मुफ्त इलाज करा रहे हैं।
प्रतियोगी छात्रों को परीक्षा की तैयारियों के टिप्स देने को प्रेरणा श्रंखला कार्यक्रम शुरू
चमोली। प्रतियोगी छात्रों को परीक्षा की तैयारियों के टिप्स देने को सफल व्यक्तियों से परिचर्चा के लिए प्रेरणा श्रंखला कार्यक्रम का शुभारम्भ संयुक्त मजिस्ट्रेट / उप जिला अधिकारी दीपक सैनी ने किया।
गोपेश्वर में ई-लाइबेरी का निर्माण किया गया है जिसमें प्रतिदिन 125 से अधिक पाठक नियमित रूप से आते हैं। जिनमें बड़ी संख्या प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र होते हैं। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना की पहल पर पुस्तकालय में आने वाले पाठकों को प्रेरित करने व उन्हे प्रतियोगी परीक्षाओं पर तैयारी करने हेतु टिप्स देने के लिए सफल व्यक्तियों से परिचर्चा हेतु प्रेरणा श्रृंखला कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया है।
संयुक्त मजिस्ट्रेट / उप जिला अधिकारी दीपक सैनी द्वारा प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले पाठकों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए मागदर्शन दिया गया। उन्होने कहा कि सफल होने के लिए दृढ निश्चयी होना जरूरी है और अपना लक्ष्य चुनें और योजना बनायें। तैयारी की प्रक्रिया में योजना बनाते समय दैनिक, दीर्घकालिक एवं अल्पकालिक श्रेणी में लक्ष्यों को बांटें। सबसे पहले प्रतियोगी परीक्षा का पाठ्यक्रम देखें। गत वर्ष के प्रश्नपत्रों का अध्ययन कर पैर्टन समझें तथा अपनी दिनचर्या में कुछ निश्चित समय जिस परीक्षा में सम्मिलित हो रहे हैं उसको दें। आपके सामने भटकाव आयेंगे जिनमें सोशल मीडिया व इण्टर नेट से जुड़ी चीजें व आपके परिवेश से जुड़ी चीजें हो सकती हैं। इनसे बचना आवश्यक है। अपना SWOT Analysis करें देखें कि कौन से आपके व्यक्तिगत एवं अकादमिक के कौन से क्षेत्र मजबूत और कमजोर है और क्या चुनौतियां एव अवसर आपके सामने आ सकते है। चुनौतियों विचलित नहीं होना है। और सतत प्रयास जारी रखना है। पढते समय यह भी ध्यान रखे कि वर्तमान में सूचना का अत्यधिक प्रवाह है। आपके अन्दर यह क्षमता होना आवश्यक है कि किस सूचना पर ध्यान और किसे छोड़ दिया जाय। उन्होनें यह भी कहा कि अपनी Hobbies के लिए भी समय दें ताकि आप तनाव और एन्जाईटी की वजह से परेशान न हों। आप जो भी पढ़ें आगे बढ़ने के साथ-साथ उसकी पुनरावृत्ति भी करते रहें। छोटे-छोटे लक्ष्य रखकर आगे बढ़ें और लक्ष्य प्राप्त होते ही अगले लक्ष्य की ओर बढ़ें। चर्चा करना अच्छा हैं लेकिन वाद विवाद में पड़कर समय न गवांये । निरर्थक वाद-विवाद आपके व्यक्तित्व को भी प्रभावित करता है। परीक्षा देने के बाद प्रश्नपत्रों से उन क्षेत्रों की सूची बनायें जिसमें आपको लगता है कि आपने ठीक नहीं किया है, और उन पर कार्य करना शुरू करने ताकि अगली बार वे गलतियां न दोहराई जायें। उन्होंने विद्यार्थियों की व्यक्गित जिज्ञासाओं का भी उत्तर दिया जो कि उनके अकादमिक सामाजिक तथा पारिवारिक जीवन से भी सम्बन्धित थी ।
इस अवसर पर उन्होने सभी को सफल होने की शुभकामनायें दी।
इस अवसर पर मुख्य शिक्षा अधिकारी कुलदीप गैरोला, खण्ड शिक्षा अधिकारी पंकज उप्रेती भी उपस्थित रहे।
उत्तराखंड में खुलने जा रहे हैं सैनिक स्कूल और केंद्रीय विद्यालय भी खुलेंगे..
उत्तराखंड में खुलने जा रहे हैं सैनिक स्कूल और केंद्रीय विद्यालय भी खुलेंगे..
उत्तराखंड: प्रदेश में जल्द ही चार नए सैनिक स्कूल और पांच केंद्रीय विद्यालय खुलने जा रहे हैं। इसके लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी के अनुमोदन के बाद राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है। पौड़ी गढ़वाल, ऊधमसिंह नगर, देहरादून और चंपावत में सैनिक स्कूल खोले जाएंगे।प्रदेश में चार नए सैनिक स्कूल व पांच केंद्रीय विद्यालय खुलने वाले हैं। केंद्र सरकार को इसका प्रस्ताव सीएम धामी के अनुमोदन के बाद भेज दिया गया है। केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश में चार नए सैनिक स्कूल पेशावर कांड के नायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के जन्म स्थान पीठसैंण पौड़ी गढ़वाल, ऊधमसिंह नगर, चंपावत और राजधानी दून में खुलेंगे।
पांच नए केंद्रीय विद्यालयों की भी होगी शुरूआत..
इसके साथ ही पांच नए केंद्रीय विद्यालयों में से दो अल्मोड़ा जिले में, एक पौड़ी में तो एक टिहरी गढ़वाल में खोले जाएंगे। इसमें से अल्मोड़ा में पाण्डुवाखाल तहसील चैखुटिया और द्वाराहाट में केंद्रीय स्कूल खोले जाएंगे। पौड़ी में कोटद्वार तो टिहरी में नरेंद्र नगर और प्रतापनगर के मदननेगी में खोले जाएंगे।
बता दें कि प्रदेश में अब तक केवल एक सैनिक स्कूल स्कूल है। जो कि नैनीताल जिले के घोड़ाखाल में स्थित है। इसका संचालन रक्षामंत्रालय द्वारा किया जाता है। बता दें कि केंद्र सरकार ने पूरे देश में 100 नए सैनिक स्कूलों की स्थापना करने का फैसला लिया है। जिसमें से चार सैनिक स्कूल देवभूमि उत्तराखंड में खोले जाएंगे। पहले चरण में केंद्र सरकार ने देश में 23 नए सैनिक स्कूलों को मंजूरी दे दी है। अब दूसरे चरण में स्कूलों को मंजूरी दी जानी है।
सड़कों के पैचवर्क के लिए 450 करोड़ रूपये जारी
देहरादून। अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि राज्य में सड़कों के पैचवर्क (गडढा मुक्त) के लिए इस वर्ष 450 करोड़ रूपये जारी कर दिए गए हैं। गढ़वाल मण्डल के जिलाधिकारियों को भी एसीएस ने सड़कों को गडढा मुक्त करने के लिए 1 अक्टूबर से 30 नवम्बर तक दो महीने का गहन अभियान चलाने की डेडलाइन दी हैं। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि पर्वतीय क्षेत्रों में क्रैश बैरियर लगाए जाने को लेकर शासन स्तर पर कार्यवाही पूरी हो चुकी है। सड़क सुरक्षा के लिए इस वर्ष 300 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। एसीएस ने जिलाधिकारियों को इस सम्बन्ध में जल्द से जल्द प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को एम्स ऋषिकेश में पर्वतीय क्षेत्रों से आने वाले मरीजों की सहायता व सुविधा के लिए हेल्प डेस्क तथा जरूरतमंदों के आयुष्मान कार्ड बनाने में सहायता के लिए एम्स में भी विशेष हेल्प डेस्क बनाने हेतु कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
सचिवालय में समीक्षा बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने गढ़वाल मण्डल के जनपदों में चिकित्सा, पेयजल, शिक्षा, सड़कों व अन्य मूलभूत जन सुविधाओं को बेहतर बनाने के सम्बन्ध में जिलाधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए।
डेंगू के प्रकरणों का संज्ञान लेते हुए एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को जिलों में डेंगू कण्ट्रोल रूम स्थापित करने के साथ ही जन जागरूकता व स्वच्छता अभियान पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने सभी जिलाधिकारियों एवं सीएमओ को अस्पतालों की व्यवस्थाओं को सुधारने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिलाधिकारियों को पीएमजीएसवाई योजना की नियमित समीक्षा के साथ ही इसमें जिला प्रशासन की सक्रिय भागीदारी की हिदायत दी है। एसीएस ने गढ़वाल मण्डल के जिलों विशेषकर चारधाम यात्रा मार्ग पर वेस्ट मैनेजमेण्ट में बेस्ट प्रैक्टिसेज को अपनाने के साथ ही इस पर त्वरित कार्यवाही के कड़े निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को सख्त हिदायत दी है यदि पर्वतीय क्षेत्रों में किसी भी स्थान पर टैम्परेरी ट्रॉली के उपयोग का मामला संज्ञान में आता है तो वहां पर ब्रिज बनाने का प्रस्ताव तत्काल शासन को भेजा जाए। उन्होंने जिलाधिकारियों को पर्यटक स्थलों विशेषकर चारधाम यात्रा रूट पर पार्किंग स्थल चिहिन्त कर इस सम्बन्ध में प्रस्ताव बनाकर जल्द से जल्द आवास विभाग को भेजने के भी निर्देश दिए हैं।
बैठक में सचिव श्रीमती राधिका झा, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, अपर सचिव डा0 अमनदीप कौर, जितेन्द्र कुमार सोनकर तथा वर्चुअल माध्यम से गढ़वाल मण्डल के सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।
उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारियों में उबाल, कल से चक्का जाम का ऐलान
उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारियों में उबाल, कल से चक्का जाम का ऐलान..
उत्तराखंड: प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में रोडवेज को लाइफ लाइन कहा जाता है। प्रदेश के पर्वतीय इलाकों में ज्यादातर लोग परिवहन के लिए इन्हीं पर निर्भर हैं लेकिन बुधवार को लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। उत्तराखंड रोडवेज के कर्मचारियों ने चक्काजाम का ऐलान किया है। प्रदेश में रोडवेज से आवागमन करने वाले यात्रियों को 27 सितंबर को परेशानियों से दो चार होना पड़ सकता है। आपको बता दे कि विभिन्न मांगों को लेकर रोडवेज कर्मचारियों ने चक्काजाम का ऐलान कर दिया है। मंगलवार को इसी संबंध में उत्तराखंड परिवहन निगम कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने बैठक बुलाई है। मोर्चा का कहना है कि निगम द्वारा उनकी मांगों पर कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
11 सितंबर को परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक को दिया नोटिस..
उत्तराखंड परिवहन निगम कर्मचारी संयुक्त मोर्चा का कहना है कि वो इस से पहले 11 सितंबर को परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक को नोटिस दे चुके हैं। मोर्चा संयोजक अशोक चौधरी, दिनेश पंत, रविनंदन कुमार, राम किशुन राम ने आरोप लगाया है कि आंदोलन नोटिस पर छह अप्रैल और 25 अप्रैल को शासन और निगम स्तर पर वार्ता सकारात्मक हुई थी।लेकिन इसके बाद भी आज तक कोई शासनादेश जारी नहीं किया गया। मोर्चा का कहना है कि अप्रैल में दो बार वार्ता और फिर जुलाई में दोबारा द्विपक्षीय वार्ता के बाद उन्हें आश्वासन दिया गया था। लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। मोर्चा का कहना है कि मंगलवार को बुलाई गई बैठक में चक्काजाम की रणनीति बनाई जाएगी। इसके साथ ही इस आंदोलन में परिवहन निगम के सभी संवर्ग के कर्मचारी शामिल होंगे।