कांग्रेस को नाच गाने पर भरोसा, जनता से दूरी का भुगत रही खामियाजाः चैहान

 

देहरादून। भाजपा ने कांग्रेस द्वारा लांच एल्बम को सस्ती लोकप्रियता के लिए नाटक और रसातल से उबरने के लिए गीत गानों की आजमाइश पर भरोसा करना हास्यास्पद बताया। प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चैहान ने कहा कि इससे बेहतर तो यह होता कि कांग्रेस जनता के बीच जाकर सेवा कार्यो मे ध्यान लगाती। रचनात्मक विपक्ष की भूमिका का निर्वहन कर जनता की आवाज बनती, लेकिन उसकी सोच नाच गाने तक ही सीमित रह गयी है।
चैहान ने तंज कसते हुए कहा कि गायक भी अपने गीत संगीत भी, लेकिन श्रोता तो कांग्रेस को ढूंढने ही पड़ेंगे, क्योकिं कांग्रेस द्वारा परोसे गए किसी भी झूठ को न जनता का समर्थन है और अधिकांश कांग्रेसी ही इससे इत्तेफाक नही रखते। कांग्रेस धामी सरकार द्वारा कराये जा रहे विकास कार्यों से बौखला गयी है और अब उसे कुछ नही सूझ रहा है। राज्य मे केंद्र के सहयोग से डेढ़ लाख करोड़ से अधिक के कार्य गतिमान है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहली बार परंपराओं से हटकर विपक्षी विधायकों के क्षेत्रों मे भी कार्यों की समीक्षा की है और वह भी इसे समावेशी विकास से जोड़कर मान रहे है। इससे क्षेत्रीय संतुलन भी बनेगा, लेकिन कांग्रेस की सत्तालोलुपता के चलते वह कुछ भी मानने से इंकार करती रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को विकास कार्य नही दिख रहे हो, लेकिन जनता का आशीर्वाद और विश्वास भाजपा पर ही है। मतदाताओं के विश्वाश का कवच पहनकर हाल ही मे हरिद्वार पंचायत चुनाव मे कांग्रेस के दुष्प्रचार की हवा निकल चुकी है। प्रदेश मे कानून का राज है और जिस तरह से भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्यवाही की गयी उससे कांग्रेस बेचैन है। कांग्रेस की कई बार भ्रष्ट संसाधनों से नौकरी पाने वालों के सहानुभूति उजागर भी हुई, जिनके खिलाफ वह आंदोलन कर रही थी। शिक्षा, स्वास्थ्य, और पर्यटन के क्षेत्र मे जिस तरह से योजनाएं आगे बढ़ रही है उससे कांग्रेस चिंतित है। चैहान ने कहा कि कांग्रेस एल्बम निर्माण कराये अथवा बड़ी फिल्मे, जनता को उस पर कोई भरोसा नही है। कांग्रेस का अस्तित्व गीत और नाच गाने से नही, बल्कि जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका मे लोगों के बीच जाना होगा लेकिन वह ऐसा नही करना चाहती। गुटबाजी के चलते आज कांग्रेस बिना पायलट के जहाज जैसी मुद्रा मे आ गयी है। जनता के साथ संवादहीनता और अविश्वास मे माहौल मे कांग्रेस से ऐसे ही आचरण की कल्पना की जा सकती है।