भूपेंद्र रोतेला
नारायणबगढ़। ग्राम जुनेर सिद्धपीठ माँ गिरजा भवानी मंदिर परिसर में चल रहे सप्त दिवसीय जीतू बगड्वाल कौथिग का आज विधि-विधान के साथ भव्य समापन हुआ। समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व प्रमुख यशपाल नेगी उपस्थित रहे।
समापन दिवस पर जीतू बगड्वाल व उनकी छोटी-बड़ी सेना ने पारंपरिक परिधान और अलौकिक नृत्य से समूचे प्रांगण को भक्ति और उत्सवमय वातावरण में सराबोर कर दिया। एक ओर बगड्वाल सेना द्वारा सेरियों में हल लगाने की परंपरा निभाई गई, वहीं दूसरी ओर आँछरियों के भावपूर्ण नृत्य ने सभी को भावविभोर कर दिया।
विरासत नृत्य (कौथिग) की इस अंतिम संध्या में ढोल–दमाऊँ की थाप पर पारंपरिक जागर शैली में भगवती भूमियाल देवता एवं माँ गिरजा भवानी का स्मरण किया गया। नृत्य और वादन की छटा इतनी मोहक थी कि ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो स्वयं देवता इस पावन प्रांगण में अवतरित होकर आशीर्वाद प्रदान कर रहे हों।
कार्यक्रम को दिव्य और भव्य रूप देने में अनेक लोगों का सहयोग रहा। मुख्य अतिथि के साथ-साथ विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री अनिल उनियाल, कमलेश सती, जयानंद सती, विनोद मलेठा उपस्थित रहे।
सभी अतिथियों का स्वागत मेला समिति एवं ग्राम जुनेर के निर्वतमान प्रधान श्री नरेन्द्र सिंह भंडारी द्वारा किया गया।
समापन अवसर पर नरेन्द्र सिंह भंडारी ने समस्त श्रद्धालुओं, ग्रामवासियों एवं समिति के सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी यह सांस्कृतिक धरोहर जीतू बगड्वाल कौथिग आने वाली पीढ़ियों तक यूँ ही जीवंत बनी रहे, यही हमारी सच्ची श्रद्धांजलि है।”

