श्रीनगर गढ़वाल। यूँ ही कोई जननायक नहीं कहलाता इसके लिए चाहिए जनहित के प्रति निष्ठा, संवेदनशीलता और निर्णय लेने की दृढ़ता। यही विशेषताएं एक बार फिर सामने आईं जब उत्तराखंड के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के त्वरित हस्तक्षेप से एक गर्भवती महिला की जान बच सकी।
खिर्सू ब्लॉक के दूरस्थ गांव चिमल्यूं की 28 वर्षीय गर्भवती महिला सविता की तबीयत अचानक बिगड़ गई। प्राथमिक उपचार के लिए पहले उन्हें पौड़ी जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन हालत गंभीर होने पर उन्हें बेस अस्पताल श्रीनगर रेफर किया गया। वहां डॉक्टरों ने बताया कि सविता की स्थिति अत्यंत नाजुक है और उसे तत्काल उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधा की आवश्यकता है।
स्थिति की गंभीरता को समझते हुए जैसे ही यह मामला स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के संज्ञान में आया, उन्होंने एक पल भी गंवाए बिना एयर एंबुलेंस की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उनके आदेश पर कुछ ही समय में एयर एंबुलेंस श्रीनगर पहुँची और सविता को सुरक्षित AIIMS ऋषिकेश पहुंचाया गया। एम्स में विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में अब सविता का इलाज चल रहा है, और प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं।
इस आपातकालीन मिशन ने सिर्फ एक महिला की जान ही नहीं बचाई, बल्कि यह साबित कर दिया कि राज्य सरकार, विशेषकर मंत्री डॉ. रावत, राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले हर नागरिक की चिकित्सा सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
भावुक हुए सविता के पति ने कहा अगर समय पर एयर एंबुलेंस की सुविधा न मिलती, तो न जाने क्या हो जाता। मेरी पत्नी और बच्चे की जान बचाने के लिए मैं मंत्री जी और सरकार का तहे दिल से आभार प्रकट करता हूँ।
डॉ. रावत ने इस पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा हर जीवन कीमती है। हमारी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि प्रदेश के किसी भी कोने में कोई मरीज समय पर इलाज से वंचित न रहे। सरकार जनता की सेवा में सदैव तत्पर है।”

