संसद और विधानसभा में उत्तराखंड की महिलाओं की भागीदारी कितनी बढ़ेगी, पढ़िए पूरी खबर

संसद और विधानसभा में उत्तराखंड की महिलाओं की भागीदारी कितनी बढ़ेगी, पढ़िए पूरी खबर..

 

 

उत्तराखंड: संसद में महिला आरक्षण बिल पेश होने से उत्तराखंड में महिलाओं में खुशी का माहौल देखने को मिल रहा है। महिलाएं जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त कर रही हैं। उत्तराखंड में महिलाओं की भागीदारी कितनी संसद और विधानसभा में बढ़ने वाली है। महिला आरक्षण विधेयक संसद में पेश होनी की खुशी उत्तराखंड में भी देखी जा रही है। पंचायत स्तर के बाद अब लोकसभा और विधानसभा में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ने की खबर से महिलाएं काफी खुश है। उत्तराखंड में भले ही महिलाओं की भागीदारी सियासी रूप से कम हो लेकिन वोट के मामले में महिलाएं बढ़-चढ़कर अपने मत का प्रयोग करती हैं।

महिला आरक्षण बिल से राज्य आंदोलन में शामिल महिलाएं खुश..
उत्तराखंड राज्य आंदोलन की करें तो उत्तराखंड राज्य आंदोलन में भी महिलाओं की बड़ी भूमिका थी जिसकी वजह से उत्तराखंड राज्य मिला है। राज्य आंदोलन में शामिल महिलाएं भी महिला आरक्षण बिल से खुश नजर आ रही हैं। राज्य आंदोलनकारी महिलाओं की मानें तो उत्तराखंड की मातृशक्ति का जब राजनीति में प्रतिनिधित्व बढ़ेगा तो पहाड़ की महिलाओं की आवाज भी विधानसभा से लेकर संसद तक प्रमुखता से उठेगी। जिससे उत्तराखंड की महिलाओं की हित मे फैसले भी होंगे।

उत्तराखंड से पहुंचेंगी संसद में दो तो विधानसभा में 23 महिलाएं..
महिला आरक्षण विधेयक पर कानून बनता है तो उत्तराखंड में दो महिला सांसद संसद तक पहुंचेगी। तो 23 महिलाएं उत्तराखंड विधानसभा तक चुनकर पहुचेंगी। इसी को लेकर भाजपा महिला मोर्चा की महिलाएं काफी खुश है और प्रदेश कार्यालय में महिलाओं ने डांस कर जहां महिला आरक्षण विधेयक पेश होने पर खुशी इजहार की तो वहीं एक-दूसरे का मुंह भी मीठा करवाया।

महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये महिलाओं के लिए बड़ा तोहफा है। जिसके लिए वो प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करती है। वहीं कांग्रेस महिला आरक्षण विधेयक का स्वागत तो कर रही है लेकिन इसे कांग्रेस का बोया हुआ पौधा बता रही है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी का कहना है कि महिला आरक्षण बिल कांग्रेस की ही कोशिशों के परिणाम है।