उत्तराखंड की बेटी बनी काजीरंगा उद्यान की पहली महिला निदेशक..

उत्तराखंड की बेटी बनी काजीरंगा उद्यान की पहली महिला निदेशक..

 

उत्तराखंड: असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) के लिए शुक्रवार का दिन ऐतिहासिक रहा। भारतीय वन सेवा (आईएफएस) अधिकारी सोनाली घोष ने शुक्रवार को केएनपी के क्षेत्र निदेशक (फील्ड डायरेक्टर) के रूप में कार्यभार संभाला। इसके साथ ही 118 साल पुराने केएनपी के निदेशक के रूप में कार्यभार संभालने वाली सोनाली पहली महिला अधिकारी बन गई हैं। उल्लेखनीय है कि सोनाली घोष उत्तराखंड के देहरादून की रहने वाली हैं। एक पूर्व सैनिक की बेटी हैं सोनाली और उनको जंगल और जीवों से खासा लगाव है ।

उल्लेखनीय है कि असम सरकार ने सोनाली घोष को वन प्रमुख के पद पर तैनात करने का आदेश पहले ही जारी कर दिया था। भारतीय वन सेवा (आईएफएस) अधिकारी मौजूदा क्षेत्र निदेशक जतिंद्र शर्मा से पार्क का प्रभार ग्रहण किया। जतिंद्र शर्मा 31 अगस्त को सेवानिवृत्त हो गए हैं। निदेशक बनने से पहले सोनाली घोष गुवाहाटी में प्रधान मुख्य वन संरक्षक और वन बल के प्रमुख के कार्यालय में अनुसंधान शिक्षा और कार्य योजना प्रभाग के मुख्य वन संरक्षक के रूप में कार्यरत थीं।

कुदरत के अनमोल धरोहरों की रक्षा और संवर्धन ही लक्ष्य: सोनाली
केएनपी के क्षेत्र निदेशक (फील्ड डायरेक्टर) के रूप में कार्यभार संभालने के बाद सोनाली घोष ने कहा, ‘यह एक गौरवपूर्ण और ऐतिहासिक क्षण है। 118 साल पुराने केएनपी के निदेशक बनना गर्व करने वाला क्षण है।’ एक सैन्यकर्मी के परिवार में जन्मीं और आईएफएस 2000-2003 बैच की अधिकारी सोनाली ने कहा, ‘कुदरत के इन अनमोल धरोहरों को बचाना और संवर्धन ही एक मात्र लक्ष्य है। जो जिम्मेदारी मुझे दी गई है, जो विश्वास मुझ पर किया गया है, उसमें पूरा खरा उतरूं, इसकी कोशिश करूंगी।

उन्होंने कहा, ‘इस समय असम में बाढ़ का प्रकोप है। मेरी पहली प्राथमिकता होगी कि इस बाढ़ से जंगली पशुओं को बचाना। किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हो। पानी बढ़ जाने से जानवार जंगलों से निकलकर बाहर जाने लगते हैं। कई बार वे कार्बी आंगलोंग की तरफ बढ़ जाते हैं। इसके अलावा जब मौसम ठीक हो जाएगा तो बहुत से काम करने हैं। मुझे यहां की पूरी भौगोलिक परिस्थितियों की अच्छी तरह से जानकारी है। इसके अलावा शिकारियों से जंगली पशुओं को बचाना और उनकी हिफाजत मेरी प्राथमिकताओं में शामिल रहेंगी।