गांवों में पानी की समस्या बनी विकराल, जनप्रतिनिधि वोट तक ही सीमित

हैप्पी रौतेला

नारायणबगड़ (चमोली)। दैवीय आपदा की मार झेलने के बाद विकासखंड नारायणबगड़ के कई गांवों में आज भी पानी की गंभीर समस्या बनी हुई है। महामृत्युंजय महादेव समिति देवीधुरा के अंतर्गत ग्राम पंचायत बनेला, कान्डा और ग्वाड़ की पेयजल पाइपलाइन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है। करीब 18 किलोमीटर लंबी यह मुख्य लाइन दूरस्थ गांव सणकोट से पानी की आपूर्ति करती थी।

क्षेत्रवासियों का कहना है कि जहां एक ओर लोग बूंद-बूंद पानी के लिए परेशान हैं, वहीं जनप्रतिनिधि चुनाव के बाद क्षेत्र की समस्याओं से पूरी तरह मुंह मोड़ लेते हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जनप्रतिनिधि सिर्फ वोट लेने तक ही सीमित रह गए हैं।

ग्रामीणों ने खुद उठाया जिम्मा

पानी की व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए आखिरकार महामृत्युंजय महादेव मंदिर समिति के अध्यक्ष और सदस्यों ने स्वयं जोखिम उठाकर जंगली रास्तों व कठिन चट्टानों के बीच क्षतिग्रस्त पाइपलाइन को ठीक करने का जिम्मा उठाया। समिति के सदस्यों ने अपने निजी प्रयासों से कई स्थानों पर पानी की लाइन को अस्थायी रूप से बहाल किया।

प्रशासन पर उठे सवाल

ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन और जल विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि यदि विभाग और जनप्रतिनिधियों ने जल्द पानी की समस्या का समाधान नहीं किया, तो 33 गांवों के लोग जल विभाग कार्यालय का घेराव करेंगे और आगामी चुनावों में पूर्ण बहिष्कार करेंगे।

पलायन को बढ़ावा दे रही उपेक्षा

ग्रामीणों ने कहा कि सरकार एक ओर पलायन रोकने की बात करती है, लेकिन दूसरी ओर बुनियादी सुविधाओं के अभाव में आपदा प्रभावित गांवों के लोग मजबूरन पलायन कर रहे हैं। पानी जैसी मूलभूत सुविधा का अभाव लोगों के जीवन को कठिन बना रहा है।

पाइपलाइन सुधार में जुटे रहे ये लोग

क्षतिग्रस्त पाइपलाइन की मरम्मत के कार्य में मंदिर समिति के अध्यक्ष बृजमोहन बुटोला, कोषाध्यक्ष अब्बल सिंह नेगी, उपाध्यक्ष दर्शन सिंह नेगी, समिति सदस्य पुष्कर सिंह राई, समाजसेवी शिव सिंह, हैप्पी रौतेला, गुड्डू, दयाल सिंह तड़ाकी, भगत सिंह और गंभीर सिंह सहित कई स्थानीय ग्रामीणों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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