पुष्कर सिंह धामी की पहल से नारी शक्ति बनी आत्मनिर्भरता की प्रतीक

हरीश चमोली

जब कोई महिला अपने हाथों से कोई उत्पाद बनाती है चाहे वह खादी का वस्त्र हो, हस्तशिल्प की वस्तु, जैविक उत्पाद या स्थानीय व्यंजन तो वह केवल एक सामान नहीं, बल्कि “आत्मनिर्भर भारत” के भविष्य की नींव तैयार करती है।
उसकी मेहनत में आत्मविश्वास है, उसकी सृजनशीलता में परिवर्तन की शक्ति है। यही मातृशक्ति आज उत्तराखण्ड की अर्थव्यवस्था और समाज के उत्थान की सबसे बड़ी ताकत बनकर उभर रही है।

महिलाओं की भागीदारी से बदल रहा है उत्तराखण्ड का ग्रामीण परिदृश्य

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने महिलाओं की आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक प्रगति के लिए अनेक योजनाएं शुरू की हैं।
स्वयं सहायता समूहों (SHGs), होमस्टे योजनाओं, खादी एवं ग्रामोद्योग, मिशन शक्ति, और वन उत्पाद आधारित उद्यमों के माध्यम से हजारों महिलाएं आत्मनिर्भरता की राह पर अग्रसर हैं।

गांवों में आज महिलाएं स्थानीय संसाधनों से उत्पाद तैयार कर न केवल अपनी आय बढ़ा रही हैं, बल्कि अन्य महिलाओं को भी रोजगार के अवसर दे रही हैं।
उत्तराखण्ड के दूरस्थ क्षेत्रों से लेकर शहरों तक, मातृशक्ति ने यह साबित कर दिया है कि सशक्त महिला ही सशक्त समाज की आधारशिला है।

मुख्यमंत्री धामी का दृष्टिकोण : “हर महिला बने आत्मनिर्भर”

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि महिलाओं की भागीदारी के बिना विकास अधूरा है। मातृशक्ति जब आगे बढ़ती है, तो समाज और प्रदेश दोनों प्रगति करते हैं। हमारी सरकार का संकल्प है कि उत्तराखण्ड की हर महिला आत्मनिर्भर बने और सम्मानपूर्वक जीवन जिए।

राज्य सरकार ने महिला उद्यमियों के लिए ऋण, प्रशिक्षण, विपणन और डिजिटल प्लेटफॉर्म की सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं ताकि उनके उत्पाद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंच सकें।

मातृशक्ति की सफलता की कहानियां

आज पौड़ी, बागेश्वर, अल्मोड़ा और टिहरी जैसे जिलों में हजारों महिलाएं ऑर्गेनिक फूड, हस्तनिर्मित ऊनी वस्त्र, जड़ी-बूटियों के उत्पाद, और स्थानीय हस्तशिल्प बनाकर अपने गांवों में ही आजीविका के अवसर पैदा कर रही हैं।
कई समूहों की महिलाएं अपने उत्पादों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर बेचकर न केवल आर्थिक रूप से सशक्त हुई हैं, बल्कि “मेक इन उत्तराखण्ड, मेड बाय विमेन” की मिसाल कायम कर रही हैं।

आत्मनिर्भर भारत की राह पर उत्तराखण्ड की मातृशक्ति

आज जब देश “आत्मनिर्भर भारत” की दिशा में आगे बढ़ रहा है, तब उत्तराखण्ड की मातृशक्ति इस अभियान की सबसे मजबूत कड़ी बन चुकी है।
उनके द्वारा निर्मित हर उत्पाद में परिश्रम, परंपरा और प्रगति का संगम दिखाई देता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *