देहरादून। अपने उत्तराखण्ड में मौसम के मिजाज का कोई भरोसा नही।और जब बात आती है सड़को की तो सब सुभान अललाह।रोजाना हजारो वाहन और गुजरते लोग इन खतरों से दो चार होते हैं।हालाँकि कुदरत के आगे किसी का वश नही।कौन मंत्री और कोण संतरी।पर ये भी सच है की जब बात आते किसी वीआईपी की तो सब चाक चौबंद ।नही तो चार धाम की सड़को पर तो लोग जान हथेली पर रखकर चलते है।केदारनाथ मार्ग में मंत्री के वाहन पर गिरे पथरो ने यह ज़रूर साबित कर दिया। कुछ पत्थर मंत्री धन सिंह के सरकारी वाहन के बोनट पर भी लगे, जिससे उनके वाहन का बोनट भी क्षतिग्रस्त हो गया। पूरे मामले में विधायक मनोज रावत का कहना है कि जब वो गुप्तकाशी महाविद्यालय से अगस्त्यमुनि महाविद्यालय के कार्यक्रम के लिए आ रहे थे तो मंत्री धन सिंह ने दोनों विधायकों को भी अपने साथ ही अपने वाहन में बैठ साथ चलने को कहा। बांसवाड़ा के पास पहाड़ी से बड़े बड़े पत्थर गिरने लगे, जिसमे मंत्री का वाहन क्षतिग्रस्त हो गया।
आज मंत्री धन सिंह रावत के वाहन पर पत्थर गिरे तो मामला सामने आया लेकिन बांसवाड़ा के पास हर दिन की घटना है, एनएच के अधिकारियों को भी पता है कि लोगों की सुरक्षा से कैसे खिलवाड़ हो रहा है, लेकिन अधिकारी मलाईदार कामों तक ही सीमित रहते हैं जनता के सरोकरों से कोई वास्ता नही रखते, नही तो सबसे पहले जहां खतरा है उस साईट पर रात दिन काम किया जाता लेकिन अधिकारियों में इससे ज्यादा उत्सुक्ता कहीं और नजर आती है। लेकिन अब मंत्री जी के साथ हुए इस हादसे के बाद शायद अधिकारियों की आंख खुलेगी, देखना होगा कि क्या इस मामले के बाद अधिकारियो पर जिला प्रशासन कुछ कड़ा रूख अपना कार्यवाही करता है या यूं ही लोगों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ जारी रहता है। खैर घटना के बाद जैसे तैसे उसी वाहन से मंत्री जी व दोनो विधायक अगस्त्यमुनि कार्यक्रम के लिए रवाना हुये।